Science Award 2024: भारत सरकार ने राष्ट्रीय विज्ञान अवार्ड श्रेणी की घोषणा की है। यह अवार्ड किस श्रेणी में और कब दिए जाएंगे और इसे किस उद्देश्य से शुरू किया गया है। इन सवालों के जवाब को जानना प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे उम्मीदवारों के लिए जरूरी है। इस तरह के प्रश्न सरकारी नौकरी की परीक्षाओं में करेंट अफेयर्स के तहत पूछे जा सकते हैं। आइए इनसे संबंधित सभी महत्वपूर्ण सवालों के जवाब जानते हैं।
राष्ट्रीय विज्ञान पुरस्कार 2024 से प्रति वर्ष राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस यानी 11 मई 2024 को घोषित होंगे और राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस यानी 23 अगस्त 2024 को दिए जाएंगे। कुल मिलकर सम्मान की संख्या 56 तय की गई है। यह पुरस्कार पद्म सम्मान की तरह होंगे औऱ इनमें कोई नकद राशि शामिल नहीं होगी। इनके नाम विज्ञान रत्न, विज्ञान श्री, विज्ञान युवा-शांति स्वरूप भटनागर और विज्ञान टीम पुरस्कार तय किए गए हैं।
विज्ञान पुरस्कार का विवरण
हर वर्ष कुल 3 विज्ञान रत्न दिए जाने का फैसला किया गया है। ये पुरस्कार विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में काम करने वाले लोगों को सम्मानित करने के लिए दिए जायेंगे। यह सम्मान वैज्ञानिक के पूरे जीवन की उपलब्धियों को एक तरह से मान्यता देगा। इसकी कुल संख्या 3 तय की गई है। यह इस श्रेणी का शीर्ष सम्मान होगा। विज्ञान श्री विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के किसी भी क्षेत्र में काम करने वालों के विशिष्ट योगदान को मान्यता देगा। इसकी संख्या प्रति वर्ष 25 तय की गई है। विज्ञान युवा-शांति स्वरूप भटनागर अवार्ड नाम के अनुसार 45 वर्ष की उम्र के वैज्ञानिकों को दिया जायेगा। यह देश का हाईएस्ट मल्टीडिसकीप्लीनरी साइंस अवार्ड में से एक है। इसकी संख्या हर साल 25 निर्धारित की गई है। शांति स्वरूप भटनागर जाने माने सीएसआईआर के संस्थापक निदेशक और प्रसिद्ध रसायन विज्ञानी थे।
जानें कब की गई थी शांति स्वरूप भटनागर पुरस्कार की शुरुआत
आज भी देश में शांति स्वरूप भटनागर पुरस्कार मिलता आ रहा है। इसकी शुरुआत साल 1957 में की गई थी। विज्ञान के क्षेत्र में इस पुरस्कार को बहुत सम्मान की दृष्टि से देखा जाता है। मौजूदा पुरस्कार बायोलॉजी, केमिस्ट्री, फिजिक्स, मेडिकल साइंसेज, मैथमेटिकल साइंसेज, इंजीनियरिंग साइंसेज, एअर्थ, अट्मॉस्फेरे, ओसियन और प्लेनेटरी साइंसेज के क्षेत्र में दिए जाते हैं। इसमें विनर को पांच लाख रुपए केश भी दिया जाता है।
विज्ञान टीम पुरस्कार
विज्ञान टीम पुरस्कार की संख्या तीन तय है। नाम के अनुरूप यह पुरस्कार पुरे टीम को दी जाएगी, व्यक्तिगत नहीं। विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में असाधारण काम करने वाली वैज्ञानिकों, शोधकर्ताओं, इनोवेटर्स को दिए जाएंगे। ये नए पुरस्कार ऐसे वैज्ञानिकों को भी मिल सकेंगे, जो भारतीय मूल के हैं लेकिन दुनिया में कहीं और बेहतरीन काम कर रहे हैं। विज्ञान रत्न केवल एक ही भारतीय मूल के वैज्ञानिक को मिलेगा। विज्ञान श्री और युवा विज्ञान-एसएसबी पुरस्कार भारतीय मूल के तीन-तीन साइंटिस्ट को मिल सकता है। बाकी पुरस्कार भारत में काम करने वालों वैज्ञानिको को ही दिया जायेगा। विज्ञान टीम पुरस्कार केवल भारतीय वैज्ञानिकों की टीम को मिलेगा, इसमें देश से बाहर काम करने वाली टीम को शामिल नहीं की जाएगी।
भारत में कब से मनाया जाता है नेशनल टेक्नोलॉजी डे
भारत में नेशनल टेक्नोलॉजी डे पहली बार 11 मई 1999 को मनाया गया था। इसकी घोषणा तब के प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई ने की थी। 11 मई 1998 को सफल पोखरण परमाणु विस्फोट करके भारत ने दुनिया के सामने अपना लोहा मनवाया था, जिसे ऑपरेशन शक्ति के नाम से भी जाना जाता है। इस दिवस का उद्देश्य भारत के वैज्ञानिकों, इंजीनियरों के योगदान, उपलब्धियों को याद करने के लिए मनाया जाता है। वहीं राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस की घोषणा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साल 2023 के अगस्त महीने में की थी। चंद्रयान-3 की चांद पर सफल लैंडिंग के बाद, इसरो मुख्यालय में पीएम ने इस दिवस की घोषणा की।
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