Independence Day 2023: इस साल 15 अगस्त यानी मंगलवार को देश अपना 77वां स्वतंत्रता दिवस (Independence Day) मनाने जा रहा है। ऐसे में जगह-जगह आपको देशभक्ति के कार्यक्रम होते हुए नजर आएंगे। लोग ध्वजारोहण करते हुए दिखाई देंगे। ये तो सब जानते ही होंगे कि 1947 में इस दिन भारत को ब्रिटिश शासन से आजादी मिली थी। इस आजादी को दिलाने में कई महापुरुषों ने अपना बलिदान दिया था। परंतु क्या आप यह जानते हैं कि 15 अगस्त और 26 जनवरी को झंड़ा फहराने में अंतर होता है। अगर नहीं तो चलिए हम आपको बताते हैं कि दोनों के बीच क्या अंतर है।
15 अगस्त और 26 जनवरी का इतिहास
बता दें कि 15 अगस्त 1947 को भारत को ब्रिटिश शासन से आजादी मिली थी। इसलिए देश इस दिन को हर साल भारत के स्वतंत्रता दिवस के रूप में मनाता है। वहीं, देश की आजादी के तीसरे साल यानी 26 जनवरी 1950 को भारत का संविधान लागू हुआ था। इसलिए इस दिन को गणतंत्र दिवस के रूप में मनाते हैं।यह दोनों ही दिवस राष्ट्रीय पर्व हैं। जैसे ही देश में संविधान लागू हुआ उसके बाद भारत गणतंत्र देश बन गया। जो फिर किसी विदेशी देश के निर्णयों और आदेशों का पालन करने के लिए बाध्य नहीं था। साथ ही कोई भी दूसरा देश भारत के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप नहीं कर सकता था।
झंडा फहराना और ध्वजारोहण में क्या है अंतर
बता दें कि15 अगस्त यानी स्वतंत्रता दिवस को राष्ट्रीय ध्वज ऊपर खींचा जाता है और फिर उसको फहराया जाता है, क्योंकि इस दिन भारत को आजादी मिली थी और उस दिन ब्रिटिश झंडा उतारकर भारत के तिरंगे को ऊपर चढ़ाया गया था। यही वजह है कि हर साल 15 अगस्त को तिरंगा ऊपर खींचा जाता है। फिर फहराया जाता है। इस प्रोसेस को ध्वजारोहण (Flag Hoisting) कहा जाता है। अब आपको बताते हैं कि 26 जनवरी यानी गणतंत्र दिवस वाले दिन झंड़ा फहराने में क्या फर्क होता है। दरअसल, 26 जनवरी को झंड़ा ऊपर बंधा रहता है, उसको सिर्फ फहराया जाता है। इस प्रोसेस को झंडा फहराना (Flag Unfurling) कहते हैं।
प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति फहराते हैं झंड़ा
15 अगस्त यानी स्वतंत्रता दिवस के मौके पर आयोजित होने वाले मुख्य कार्यक्रम में प्रधानमंत्री ध्वजारोहण करते हैं। जबकि 26 जनवरी यानी गणतंत्र दिवस के मौके आयोजित होने वाले कार्यक्रम में राष्ट्रपति तिरंगा फहराकर उसे नमन करते हैं। क्योंकि जब देश आजाद हुआ था उस समय देश में राष्ट्रपति का पद नहीं हुआ करता था, उस वक्त प्रधानमंत्री प्रमुख होते थे। इसके बाद जब संविधान लागू हुआ तब से राष्ट्रपति संवैधानिक प्रमुख होते हैं। ऐसे में यही वजह है कि हर साल 26 जनवरी को राष्ट्रपति तिरंगा फहराते हैं।
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