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IAS Training: बेहद कठिन होती है आईएएस की ट्रेनिंग, कई पड़ाव करने पड़ते हैं पार

बेहद कठिन होती है आईएएस की ट्रेनिंग

बेहद कठिन होती है आईएएस की ट्रेनिंग

IAS Training: बहुत से लोगों का सपना होता है आईएएस (IAS) बनना, लेकिन कुछ ही लोग अपने इस सपने को पूरा कर पाते हैं। आईएएस बनना आसान नहीं है इसके लिए कठिन परीक्षा से लेकर कड़ी ट्रेनिंग जैसे कई पड़ाव से गुजरना होता है। यह तो आप जानते ही होंगे कि आईएएस बनने के लिए देश की सबसे कठिन परीक्षा यूपीएससी देनी पड़ती है। जो तीन चरणों में होती है- प्री, मेंस और इंटरव्यू। इन तीनों चरणों को पार करने के बाद रैंक के अनुसार IAS, IPS, IFS और IRS आदि जैसे पद मिलते हैं। यूपीएससी क्रैक करने के बाद सिविल सर्वेंट के कंधों पर काफी अहम जिम्मेदारियां होती है। यही वजह है कि परीक्षा पास करने के बाद उन्हें सख्त ट्रेनिंग से गुजरना होता है। चलिए अब जानते हैं कि आईएएस का पद मिलने के बाद उनकी ट्रेनिंग कैसी होती है।

IAS की ट्रेनिंग होती कहां है

सबसे पहले तो ये जानना जरुरी है कि देश के सबसे प्रतिष्ठित पद IAS की ट्रेनिंग कहां पर होती है। उम्मीदवारों को परीक्षा क्रैक करने के बाद मसूरी के लाल बहादुर शास्त्री नेशनल एकेडमी ऑफ एडमिनिस्ट्रेशन में जाना होता है। यहां पर उम्मीदवारों को बेसिक एडमिनिस्ट्रेटिव स्किल्स सिखाए जाते हैं।

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कैसे होती है IAS की ट्रेनिंग

लाल बहादूर शास्त्री नेशनल एकेडमी ऑफ एडमिनिस्ट्रेशन (LBSNAA) में आने वाले उम्मीदवारों का ट्रेनिंग के दौरान फिजिकल फिटनेस से लेकर मेंटल हेल्थ तक मजबूत कराया जाता है। सिर्फ इतना ही नहीं यहां अन्य एक्टिविटी जैसे हिमालय ट्रैक्रिंग, घुड़सवारी आदि भी शामिल होता है। इस ट्रेनिंग में हर उम्मीदवार को शामिल होना होता है। इसके अलावा रूरल डेवलपमेंट, कृषि और इंडस्ट्री डेवलपमेंट की जुड़ी चीजों के बारे में भी ट्रेनिंग दी जाती है। यहां ऑफिसर को पद मिलने से पहले हर क्षेत्र में सक्षम बनाया जाता है।

सीखनी होती है नई भाषा

यूपीएससी (UPSC) का फाइनल रिजल्ट जारी होने के बाद उम्मीदवारों को लिखित परीक्षा और इंटरव्यू राउंड में मिलने वाले नंबरों के आधार पर रैंक मिलता है। इन्हीं रैंक के हिसाब से उन्हें IAS, IPS या फिर IFS जैसी सर्विस के लिए सेलेक्ट किया जाता है। रैंक के अनुसार उम्मीदवारों को कैडर अलॉट किया जाता है। ट्रेनिंग पूरी होने के बाद ऑफिसर्स को कैडर स्टेट में भेजा जाता है। अपने स्टेट में सही से काम कर सकें इसके लिए उम्मीदवारों को स्थनीय भाषा भी सीखनी पड़ती है।

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