How To Become Ias Officer: आए दिन सोशल मीडिया पर आईएएस अधिकारियों की सफलता की कहानियों के बारे में पढ़ने को मिलता है। कैसे लाखों उम्मीदवारों में से सिर्फ कुछ ही लोगों का आईएएस बनने का सपना पूरा होता है। बहुत से लोगों को सिविल सर्विस के बारे में जानकारी होती है, लेकिन कुछ ऐसे भी लोग हैं, जिन्होंने इसके बारे में सुना तो होता है, लेकिन उन्हें इसके बारे में ज्यादा जानकारी नहीं होती है। चलिए हम आपको बताते हैं कि कैसे 12वीं क्लास पास करने के बाद आईएएस अधिकारी बना जा सकता है।
सबसे पहले तो हम आपको बता दें कि आईएएस बनने के लिए किसी को भी UPSC का एग्जाम क्लियर करना होता है। एग्जाम क्लियर करने के बाद कैंडिडेट्स को रैंक के अनुसार पोस्ट दी जाती है, जिसमें आईएएस, आईपीएस और आईएफएस जैसी कई पोस्ट होती हैं। UPSC एग्जाम को देश का सबसे कठिन एग्जाम भी कहा जाता है। ऐसे में ये जाहिर है कि इसे क्लियर करना भी हर किसी के बस की बात नहीं है। इसे क्लियर करने के लिए उम्मीदवार तेज दिमाग के साथ-साथ राइटिंग स्किल्स में भी बेहतरीन होना चाहिए। आईएएस अधिकारी बनने के लिए लोगों को अच्छी स्ट्रेटजी के साथ कई बार सालों तक तैयारी करनी पड़ती है।
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कौन कर सकता है इसके लिए आवेदन
UPSC का एग्जाम देने के लिए उम्मीदवार का कम से कम ग्रेजुएट होना जरूरी है। हालांकि, अगर कोई उम्मीदवार अपने फाइनल रिजल्ट का इंतजार कर रहा है, तो वो भी इस परीक्षा के लिए आवेदन कर सकते हैं। वहीं, अगर इसके लिए उम्र की बात की जाए तो ये एग्जाम 21 साल से 32 साल तक दिया जा सकता है। आरक्षित वर्ग के उम्मीदवारों को उनकी कैटेगरी के अनुसार इसमें छूट दी जाती है, जैसे जनरल कैटेगरी के उम्मीदवार 32 साल की उम्र तक 6 बार इस एग्जाम को दे सकते हैं। OBC वर्ग के उम्मीदवार 35 साल तक 9 बार एग्जाम दे सकते हैं। वहीं, SC/ST कैटेगरी वाले कैंडिडेट 37 साल की आयु तक असीमित प्रयास कर सकते हैं।
आईएएस ऑफिसर बनने की प्रक्रिया
ग्रेजुएशन पूरी करने के बाद एसपिरेंट UPSC सिविल सर्विस एग्जाम का फॉर्म भर सकते हैं। ये एग्जाम हर साल होता है। इसके लिए आयोग के पोर्टल पर फॉर्म आते ही उसे सबमिट कर दें। इसके बाद इसका एग्जाम होता है, जिसे तीन चरणों में कंडक्ट किया जाता है। पहले एग्जाम को UPSC प्रीलिम्स कहा जाता है। इस एग्जाम में मल्टीपल चॉइस सवाल आते हैं। इस एग्जाम के दो पेपर होते हैं, पहला जनरल स्टडीज 1 का और दूसरा CSAT का। ये दोनों ही पेपर 200 नंबर के होते हैं। CSAT वाले पेपर को क्वालिफाई करना होता है और जेनरल स्टडीज 1 के पेपर से मेरिट तैयार होती है। इसके बाद दूसरे चरण के पेपर को UPSC मेंस कहा जाता है। इस पेपर को सिर्फ वही उम्मीदवार दे सकते हैं, जिनका प्री यानी प्रीलिम्स क्लियर हुआ हो। नौ पेपर को मिलाकर के इसे बनाया जाता है, जिनमें से दो ऑप्शनल होते हैं। यह पेपर पूरे 1750 मार्क्स का होता है। कैंडिडेट को फॉर्म भरते हुए 48 ऑप्शनल सब्जेक्ट की लिस्ट में से किसी एक सब्जेक्ट का चुनाव करना होता है। इस पेपर का मेंस के नंबर पर काफी प्रभाव पड़ता है।
इसके तीसरे पार्ट में इंटरव्यू होता है। इसके लिए उम्मीदवार को पर्सनैलिटी अच्छी करने के साथ ही कम्युनिकेशन स्किल्स को भी बढ़ाना होगा। ये इंटरव्यू 275 नंबर का होता है। इन तीनों चरणों को पास करने वाले को 2 साल की ट्रेनिंग के लिए LBSNAA यानी लाल बहादुर शास्त्री नेशनल एकेडमी ऑफ एडमिनिस्ट्रेशन भेजा जाता है।
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