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UPSC Result : बचपन में सिर से उठा पिता का साया, मां ने मजबूरी कर पढ़ाया, बेटी बिना कोचिंग के दूसरी बार में आईएएस अधिकारी

दिव्या तंवर

दिव्या तंवर

UPSC Result : हम दरिया है हमें अपना हुनर मालूम है जिधर से निकलते है अपना रास्ता बना लेते हैं। इस कहावत को चरितार्थ किया है महेंद्रगढ़ जिले के छोटे से गांव निंबी की रहने वाली बेटी दिव्या तंवर ने। साधारण परिवार से संबंध रखने वाली दिव्या तंवर (Divya Tanwar) ने ऑल इंडिया स्तर पर 105वीं रैंक हासिल की हैं। वर्ष 2021 में हुई आयोजित हुई यूपीएससी की परीक्षा में 438 वीं रैंक हासिल की थी तथा 21 वर्ष की आयु में आईपीएस अधिकारी बन गई थी, लेकिन दिव्या तंवर का सपना आईएएस अधिकारी बनना था। दिव्या ने हार नहीं मानी तथा परीक्षा तैयारी जारी रखी। इस बार दिव्या को ऑल इंडिया स्तर पर 105 वीं रैंक हैं। दिव्या के परिजनों को उम्मीद है कि इस बार उनकी बेटी की अच्छी रैंक आई हैं। इस बार उनकी बेटी को हरियाणा कैडर मिलने के आसार हैं।

बचपन में उठ गया था पिता का साया 

उनके घर की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी। वर्ष 2011 में पिता की मौत के बाद परिवार को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा। दिव्या पढ़ाई में होशियार थी और इसलिए उनकी मां बबीता तंवर ने उनका साथ दिया। दिव्या तंवर ने अपनी शुरुआती में गांव के स्कूल में ही पूरी की थी। छठी कक्षा में उसका चयन नवोदय विद्यालय करीरा में हुआ। दिव्या ने राजकीय महाविद्यालय महेंद्रगढ़ से बीएससी की पढ़ाई की पूरी की। इसके बाद डेढ़ साल की तैयारी के बाद वर्ष 2021 में यूपीएससी की परीक्षा में 438 वीं रैंक हासिल की थी। उसके पास उचित वित्तीय सहायता नहीं थी, लेकिन उनकी मां ने हमेशा अपनी बेटी को पढ़ाई करने और आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया। दिव्या ने कोई कोचिंग नहीं ली और यूपीएससी की प्रारंभिक परीक्षा पास कर ली। बाद में, उन्होंने अपनी यूपीएससी मुख्य परीक्षा की तैयारी के लिए टेस्ट सीरीज सहित विभिन्न ऑनलाइन स्रोतों से मदद ली।

मां ने की है मजूदरी:

पिता की मौत के बाद दिव्या तंवर के परिवार को जिंदगी बिखर सी गई। उनके परिवार के सामने आर्थिक संकट खड़ा हो गया हैं। दिव्या तंवर की मां बबीता तंवर ने हार नहीं मानी तथा अपने परिवार को संभाला। वह कुल तीन भाई बहन हैं। उनकी मां ने अपने तीनों बच्चों को सिलाई-कढ़ाई का काम करके सभी को अपने पैरों पर खड़ा होने लायक बनाया। दिव्या तंवर ने अपनी मां की मेहनत को बेकार नहीं जाने दिया तथा एक छोटे से घर के कमरे में प्रतिदिन 10 घंटे पढ़ाई करके पहले प्रयास में ही बिना कोचिंग के यूपीएससी की परीक्षा पास कर दिखाई।

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