IPS Success Story: अगर जीवन में सफलता पाने का इरादा दृढ़ हो तो कोई भी मुश्किल राह की बाधा नहीं बन सकती। इसी बात को झारखंड के रहने वाले इंद्रजीत ने सच कर दिखाया है। दरअसल, इंद्रजीत के परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी। उनके पास फीस जमा करने तक के पैसे नहीं होते थे, किताबें खरीदना तो दूर की बात थी। इन मुश्किल हालातों में इंद्रजीत ने हार नहीं मानी और उनके पिता भी अपने बेटे को कामयाब करने की जिद्द पर अड़े रहे। आज इंद्रजीत आईपीएस बनकर न केवल अपने परिवार का बल्कि पूरे गांव का भी नाम रोशन कर रहे हैं। पढ़िये उनकी सफलता की कहानी...
IPS इंद्रजीत महथा झारखंड के बोकारो जिले के एक गांव के रहने वाले हैं। अपनी स्कूल की पढ़ाई उन्होंने यहीं से की है। यहीं उन्होंने एक बड़ा प्रशासनिक अफसर बनने का लक्ष्य बनाया था। दरअसल, एक टीचर ने स्टूडेंट्स से सवाल पूछा था कि जिले का सबसे बड़ा अधिकारी कौन होता है। इंद्रजीत को जब पता चला कि सबसे बड़ा अधिकारी डीएम होता है, तभी से उन्होंने ठान लिया कि बड़े होकर डीएम ही बनना है।
इंद्रजीत महथा ने इसके बाद कड़ी मेहनत करनी शुरू कर दी। उनके पास किताबें खरीदने के लिए पैसे नहीं होते थे, लिहाजा वे रद्दी किताबों से पढ़ाई करते थे। बेटे की पढ़ाई को लेकर उनके पिता प्रेम कुमार भी संजीदा हो गए। हालांकि उनकी आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी, लेकिन दोगुनी मेहनत कर पैसा कमाते रहे ताकि उनके बेटे की शिक्षा से जुड़ी आवश्यकताओं को पूरा कर सके।
आईपीएस इंद्रजीत महथा ने एक इंटरव्यू में बताया कि उन्हें उच्च शिक्षा लेनी थी तो उनके पिता प्रेम कुमार ने अपने खेत तक बेच दिए। यही नहीं, उन्होंने अपने बेटे के पढ़ाई के लिए अपनी किडनी तक बेचने के लिए तैयार हो गए थे। महथा बताते हैं कि अपने पिता के त्याग और जज्बे को देखते हुए उन्होंने भी कड़ी मेहनत की। उन्होंने अपने दूसरे प्रयास में यूपीएससी पास क्षेत्र के पहले व्यक्ति बन गए। आईपीएस इंद्रजीत महथा का कहना है कि अगर इरादे मजबूत हो और कड़ी मेहनत की जाए तो सफलता प्राप्त की जा सकती है।
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