Motivation Success Story: संघ लोक सेवा आयोग की परीक्षा में सफल होना आसान नहीं है। कई सालों की कड़ी मेहनत के वाबजूद भी सफलता नहीं मिल पाती है। इन सब असफलताओं को देखते हुए कई लोग निराश भी हो जाते हैं। कई लोगों को असफलता का मुंह भी देखना पड़ता है, तो कई लोग सफल भी हो जाते हैं। खासकर, लगातार असफलता के बावजूद कड़ी मेहनत पर डटे रहे, वही सफलता हासिल करता है। कहानी ऐसे ही एक शख्स की है, जिसने अपनी मेहनत की दम पर सफलता पाई है। दरअसल, दिल्ली की रहने वाली नमिता को एक दो बार नहीं, बल्कि 5 बार असफलता का मुंह देखना पड़ा है, लेकिन आखिरकार अंत में अपनी मंजिल को पा लिया।
दिल्ली की रहने वाली हैं नमिता शर्मा
नमिता शर्मा दिल्ली की रहने वाली है। इसकी बेसिक शिक्षा भी दिल्ली में ही हुई है। इसके बाद नमिता ने अपनी पढ़ाई के लिए इंद्रप्रस्थ इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से बीटेक की पढ़ाई की है।
सॉफ्टवेयर कंपनी में नौकरी मिली
नमिता शर्मा को इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से बीटेक करने के बाद सॉफ्टवेयर कंपनी में नौकरी लग गई थी। उसके बाद उस जॉब से नमिता को संतुष्टि नहीं मिली। इसके साथ ही नमिता दो साल नौकरी करने के बाद उन्होंने नौकरी छोड़ दी। इसके बाद नमिता ने यूपीएससी करने की ठान ली। जुनून ऐसा था कि असफलता के बावजूद हार नहीं मानी।
नमिता चार बार प्रीलिम्स में फेल हुई
नमिता शर्मा अपनी पूरी तैयारी के साथ सिविल सेवा की परीक्षा में लगी हुई थी। इस दौरान नमिता जब पहली बार इस परीक्षा में शामिल हुई थीं, तो पहली प्रयास में असफलता का मुंह देखना पड़ा। दूसरी बार भी प्रयास करने के बाद सफलता हाथ नहीं मिली। इसके बाद फिर अपनी कड़ी हिम्मत और मेहनत के बावजूद तीसरा मौका भी हाथ से निकल गया। चौथी बार भी हार का सामना करना पड़ा। यही नहीं, पांचवें प्रयास में सफलता हासिल नहीं हो सकी।
छठे प्रयास में हो गईं सफल
सिविल सेवा परीक्षा में नमिता शर्मा ने अपनी कोशिशों को जारी रखा और अंत में आखिरकार छठे प्रयास में अपनी सफलता का परचम लहरा दिया। बहरहाल, नमिता शर्मा 6वें प्रयास में प्रीलिम्स, मुख्य और इंटरव्यू सभी परीक्षा की चरण पास कर ली और उसकी यूपीएससी में 145वीं रैंक हासिल की। उनकी यह कहानी उन स्टूडेंट्स के लिए है, जो असफलता के कारण हार मान लेते हैं। अगर कोशिशें जारी रहें तो बड़ी से बड़ी बाधा भी दूर हो जाती है।
Post a Comment
0 Comments