कहानी कहने या स्टोरीटेलिंग की मनीषा की यात्रा उस समय शुरू हुई, जब वे स्कूल जाया करती थीं। इस दौरान, लेखन जगत में प्रवेश करते हुए कविता में उनकी रुचि बढ़ती चली गई। दिल्ली युनिवर्सिटी के महाराजा अग्रसेन कॉलेज से अपना ग्रेजुएशन पूरा के बाद, वर्ष 2021 में उनके लेखन को एक नया आयाम मिला, जब उन्होंने पाठकों और लेखकों के ऑनलाइन मंच- Pratilipi पर अपनी कहानियाँ लिखना शुरू कीं।
हालाँकि, उनकी साहित्यिक यात्रा में खूबसूरत मोड़ तब आया, जब वे व्यापक रूप से लोकप्रिय Pockte FM के ऑनलाइन रीडिंग प्लेटफॉर्म - Pocket Novel से जुड़ीं। प्लेटफॉर्म्स को स्विच करने से उन्हें बेहतर फाइनेंशियल रिटर्न्स और व्यापक दर्शकों तक पहुँचने का मौका मिला।
शुरुआत में Pratilipi से मनीषा की कमाई 12,000-13,000 रुपए प्रति माह थी। वहीं, Pocket Novel के साथ इसमें 2.5 गुना की बढ़त हुई, जो कि अब न्यूनतम 30,000 रुपए है। इतना ही नहीं, उनके पास Pocket Novel के साथ रेवेन्यू-शेयरिंग के माध्यम अपनी कमाई में इजाफा करने का अवसर भी है।
वर्तमान में, मनीषा दो रोमांचक नॉवेल्स लिख रही हैं, जिनके नाम 'दिल ये माने ना' और 'समझौते की शादी' हैं। वे अपनी कला को, जुनून से कहीं अधिक मानती हैं। वे लेखन को एक ऐसे पेशे के रूप में देखती हैं, जो उन्हें संतुष्टि प्रदान करता है।
Pocket Novel के साथ अपनी यात्रा के बारे में बात करते हुए, मनीषा झा ने कहा, "मेरे लिए, लेखन सिर्फ एक कला नहीं है, बल्कि यह एक ऐसा पेशा है, जो वैध है और मन को संतुष्टि प्रदान करता है Pocket Novel मेरे जुनून को एक स्थायी आजीविका में तब्दील करने का माध्यम बना है, जिसने मेरे लिए आय के द्वार खोल दिए हैं।"
यह सफलता सिर्फ मनीषा की ही नहीं है, बल्कि इसके माध्यम से उनके पूरे परिवार का गौरव बढ़ा रहा है। मनीषा के पिता निजी क्षेत्र में कार्यरत हैं और माँ के गृहिणी हैं। ऐसे में, वे अब घरेलू खर्च में योगदान देने में सक्षम हैं, जो उनके जुनून को कई स्तर बढ़ा देता है।
मनीषा झा पाठकों के लिए मिसाल बन गई हैं। उन्होंने यह साबित किया है कि लेख का एक-एक शब्द न सिर्फ हमारा, बल्कि बेहतर आय का भी मार्ग प्रशस्त कर सकता है। मनीषा झा एक ऐसे भविष्य की कल्पना करती हैं, जहाँ उनकी स्टोरीटेलिंग की क्षमता न सिर्फ उनके सपनों को पूरा करेगी, बल्कि देश भर के महत्वाकांक्षी लेखकों के लिए प्रेरणा का स्रोत भी बनेगी।
Post a Comment
0 Comments