हरियाणा सरकार ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा व्यवस्था को मजबूत करने के लिए मेगा प्लान तैयार कर रही है। इस योजना के माध्यम से 5 गांवों को शामिल कर एक क्लस्टर योजना शुरू की जाएगी जिसमें एक सीनियर सेकेंडरी स्कूल होगा जहां बच्चों को कला, विज्ञान और वाणिज्य तीनों विधाओं में स्वरोजगार के लिए शिक्षित किया जाएगा। साथ ही छात्राओं के शैक्षणिक संस्थानों में आने-जाने को सुरक्षित बनाने के लिए छपसू योजना के तहत 150 नई बसें भी खरीदी गई हैं। छात्राओं की आवाजाही के लिए हर संस्थान में एक नोडल अधिकारी भी नियुक्त किया गया है।
48 लाख बच्चों की शिक्षा स्थिति पर नजर रखी जाएगी
हरियाणा के स्कूल शिक्षा मंत्री कंवर पाल ने कहा कि राज्य के प्रत्येक बच्चे को शिक्षा के माध्यम से देश की मुख्य धारा में लाने के लिए जीरो ड्रॉप आउट नीति पर काम किया जा रहा है, ताकि अगले वर्ष तक राज्य का कोई भी बच्चा स्कूल से बाहर न रहे। वहीं, 6 से 18 साल के करीब 48 लाख बच्चों की शिक्षा की स्थिति जानने के लिए उन्हें ट्रैक किया जा रहा है।
पीएम-श्री योजना का लाभ मिलेगा
शिक्षा मंत्री ने कहा कि हरियाणा में 2025 तक नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू की जाएगी। पीएम-श्री योजना के तहत अगले साल तक राज्य के 135 ब्लॉक में दो-दो स्कूल यानी कुल 270 पीएम-श्री स्कूल खोले जाएंगे। उन्होंने बताया कि बच्चों को मूल्यों के साथ शिक्षा देने के लिए राष्ट्रीय शिक्षा नीति तैयार की गई है, जिसे 2030 तक पूरे देश में लागू करने का लक्ष्य रखा गया था, लेकिन हरियाणा में 2025 तक इसे पूरी तरह से लागू कर दिया जाएगा।
बच्चों को साढ़े पांच लाख टैबलेट दी गईं
शिक्षा मंत्री कंवरपाल गुर्जर ने कहा कि हरियाणा में शिक्षा, स्वास्थ्य, सुरक्षा, स्वावलंबन और स्वाभिमान जैसे पांच एस के साथ सुशासन भी जुड़ा हुआ है, जिसके पिछले आठ वर्षों से अधिक समय में सकारात्मक परिणाम सामने आए हैं। सरकारी स्कूलों के बच्चों को तकनीक से जोड़ने के लिए देश में पहली बार 10वीं से 12वीं कक्षा के छात्रों को साढ़े पांच लाख टैबलेट बांटे गए।
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