World Post Day 2023:� ई-मेल (email) के जमाने से पहले पत्रों को हाथ से लिखा जाता था और दुनिया भर में डाक के माध्यम से एक जगह से दूसरे जगह पहुंचाए जाते थे। आज भी, डाक सेवाएं विश्व स्तर पर पार्सल की डिलीवरी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं और विश्व डाक दिवस (World Post Day) उसी के लिए समर्पित होता है। इस दिन को हर साल दुनिया भर में 9 अक्टूबर को विश्व डाक दिवस के नाम से मनाया जाता है। आइए जानते हैं इस दिन के इतिहास और महत्व के बारे में।�
World Post Day 2023: इस दिन का इतिहास
विश्व डाक दिवस को 1874 में बर्न स्विट्जरलैंड में यूनिवर्सल पोस्टल यूनियन यानी UPU की स्थापना की याद में मनाया जाता है। 9 अक्टूबर 1874 को स्विट्जरलैंड की राजधानी बर्न में 22 देशों के साथ मिलकर एक संधि पर हस्ताक्षर किया गया था, जिसके बाद यूनिवर्सल पोस्टल यूनियन का गठन हुआ। 1 जुलाई 1876 में भारत को भी यूनिवर्सल पोस्टल यूनियन का सदस्य बनाया गया। 151 देशों में मनाए जाने वाले विश्व डाक दिवस को पहली बार, 1969 में जापान के टोक्यो में मनाया गया था। यूपीयू कांग्रेस ने� इस दिन को विश्व डाक दिवस के रूप में घोषित किया गया था। भारत में इस दिन को पूरे 1 सप्ताह तक में मनाया जाता है। यह दिन राष्ट्रीय डाक सप्ताह के रूप में 9 अक्टूबर से 15 अक्टूबर तक मनाया जाता है।�
World Post Day 2023: क्या है इस दिन का महत्व
विश्व डाक दिवस हमारे समाजों और अर्थव्यवस्थाओं में डाक कर्मियों के अमूल्य योगदान को मान्यता प्रदान करता है। विश्व डाक दिवस यूनिवर्सल पोस्टल यूनियन (UPU) की स्थापना और लोगों के रोजमर्रा के जीवन में पत्रों और संचार के साथ के महत्व के निर्माण का प्रतीक है। जो समाज को डाक कर्मियों के महत्व को समझाता हैं।
World Post Day 2023: कैसे मनाया जाता है यह दिन
दुनिया भर में डाक के योगदान के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए विशेष प्रदर्शनियां आयोजित की जाती हैं। संयुक्त राष्ट्र के अनुसार सभी लोगों को शिक्षित करने के लिए, उनके समावेश के लिए और सभी समुदायों को बढ़ावा देने में डाक घर एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते आ रहे हैं। आज पूरे विश्व में 50 लाख से अधिक डाक कर्मचारी लोगों के संदेशों के साथ-साथ रोज के काम आने वाले सामान जैसे दवाओं, धन और उपहारों और अन्य व्यक्तिगत सामान को पहुंचाने के काम में लगे रहते हैं।
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