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IAS Success Story: स्कूल में ही तय कर लिया था IAS बनना है, उत्तराखंड के अर्पित ने तीसरे प्रयास में हासिल की 20वीं रैंक

प्रतीकात्मक तस्वीर।

प्रतीकात्मक तस्वीर।

IAS Success Story: सिविल सेवा परीक्षा पास करने वाले प्रत्येक स्टूडेंट्स का रास्ता बहुत ही कठिन होता है। इस स्टोरी के माध्यम से हम एक ऐसे ही शख्स के बारे में बताने जा रहे हैं, जिन्होंने अपने इस कठिन रास्ते को पार अपना सपना पूरा किया है। इस परीक्षा को पास करने के लिए कई कठिनाइयों से गुजरना पड़ता था। इसी कड़ी में आज हम बात करने वाले हैं उत्तराखंड के अर्पित चौहान के बारे में... जिन्होंने तीसरे प्रयास में इस कठिन परीक्षा को पास कर बेहतर रैंक हासिल की है।

अर्पित चौहान उत्तराखंड के उधमसिंह जिले के रहने वाले हैं। वह जब काशीपुर के एक निजी स्कूल में पढ़ रहे थे, तब उन्हें यूपीएससी की सिविल सेवा परीक्षा के बारे में पता चला था। उसी समय उन्होंने तय कर लिया था कि उन्हें आगे चलकर आईएएस अधिकारी ही बनना है।

घर में था पढ़ाई का माहौल

अर्पित के माता-पिता दोनों ही स्कूल में टीचर थे। पिता उनके प्राथमिक स्कूल में हेडमास्टर हैं। वहीं, मां भी स्कूल में इंग्लिश की शिक्षिका हैं। इसी के कारण शुरू से ही उनके घर में पढ़ाई का माहौल रहता था।

इंजीनियरिंग करने के बाद शुरू की तैयारी

काशीपुर से स्कूली पढ़ाई पूरी करने के बाद अर्पित ने इंजीनियरिंग की पढ़ाई की। इंजीनियरिंग के बाद उन्होंने यूपीएससी यानी सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी करना शुरू कर दिया था।

तीसरे प्रयास में मिली सफलता

सिविल सेवा परीक्षा में अर्पित को पहली बार में असफलता का मुंह देखना पड़ा था। वे पहले ही प्रयास में असफल हो गए, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी। दूसरे प्रयास में उन्होंने चरणों में प्री, मेंस और इंटरव्यू तीनों पास कर लिए थे। इसके बाद उन्हें डिफेंस सर्विस में तैनाती मिली थी, लेकिन वे इससे खुश नहीं थे। उन्होंने फिर प्रयास किया और इस बार वे सफल हो गए। परीक्षा में 20वीं रैंक हासिल कर सफलता पाई।

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